1. योजना का नाम: मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
2. योजना का प्रारंभ: 01 अगस्त, 2014
3. योजना का उद्देश्य: योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं के लिये स्वयं का उद्योग (विनिर्माण)/सेवा/व्यवसाय स्थापित करने हेतु बैंकांे के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराना है। योजनांतर्गत हितग्राहियों को मार्जिनमनी सहायता, ब्याज अनुदान, ऋण गारंटी एवं प्रशिक्षण का लाभ शासन द्वारा दिया जावेगा।
4. योजना का क्रियान्वयन: मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल ऐजन्सी, प्रबंध संचालक, म0प्र0 राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित, भोपाल होगा, तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी/कार्यपालन अधिकारी, जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समितियों के माध्यम से योजना का संचालन कराया जावेगा। योजना के लिए समुचित वित्तीय प्रावधान अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा अपने विभागीय बजट में किया जावेगा, तथा तद्ानुसार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों का निर्धारण जिलेवार प्रबंध संचालक, म0प्र0 राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित, भोपाल द्वारा किया जावेगा।
5. पात्रता:
5.1 योजना का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण मध्यप्रदेश होगा (अर्थात योजना का लाभ उन्हीं उद्यमों को देय होगा, जो मध्यप्रदेश सीमा के अन्दर स्थापित हों)।
5.2 आवेदक:
5.2.1 मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो।
5.2.2 आवेदक अनुसूचित जाति वर्ग का सदस्य हो। (सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र सलंग्न करना होगा)।
5.2.3 न्यूनतम 5 वीं कक्षा उत्तीर्ण हो (स्वप्रमाणी करण के आधार पर)
5.2.4 आवेदन दिनांक को आयु 18 से 45 वर्ष के मध्य हो।
5.2.5 किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक /वित्तीय संस्था/सहकारी बैंक का चूककर्ता /अशोधी Defaulter नहीं होना चाहिए।
5.2.6 यदि कोई व्यक्ति किसी शासकीय उद्यमी/स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत सहायता प्राप्त कर रहा हो, तो इस योजना के अन्तर्गत पात्र नहीं होगा।
5.2.7 सिर्फ एक बार ही इस योजना के अन्तर्गत सहायता के लिए पात्र होगा।
5.3 योजना उद्योग /सेवा/व्यवसाय क्षेत्र के लिए होगी।
6. वित्तीय सहायता:
6.1 इस योजना के अंतर्गत परियोजना लागत न्यूनतम रुपये 50 हजार से अधिकतम रुपये 10 लाख तक होगी।
6.2 इस योजना के अंतर्गत परियोजना लागत पर मार्जिनमनी सहायता निम्नानुसार देय होगी:-
अ- 30 प्रतिशत (अधिकतम रुपये दो लाख)।
6.3 इस योजना के अंतर्गत परियोजना लागत पर 5 प्रतिशत की दर से (अधिकतम रुपये 25 हजार प्रतिवर्ष) । ब्याज अनुदान अधिकतम 7 वर्षों तक देय होगा।
6.4 इस योजना के अंतर्गत गांरटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 7 वर्ष तक देय होगी।
7. आवेदन प्रक्रिया:
7.1 आवेदक द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन पत्र कार्यालय मुख्यकार्यपालन अधिकारी /कार्यपालन अधिकारी, जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति, जिला-समस्त में आवश्यक सहपत्रों सहित प्रस्तुत किये जायेंगे। आवेदन पत्र निःशुल्क उपलब्ध होंगे।
7.2 सभी प्राप्त आवेदन पंजीबद्ध किये जावेंगे।
7.3 आवेदक द्वारा प्रस्तावित गतिविधि की जनरल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (सामान्य परियोजना प्रतिवदेन) तैयार कर आवेदन के साथ संलग्न की जावेगी।
8. आवेदन पत्रों का निराकरण:
8.1 उक्त योजना अन्तर्गत प्राप्त आवेदन पत्र योजनान्तर्गत गठित चयन समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जावेंगे।
8.2 प्राप्त आवेदन पत्रों का चयन निम्न चयन समिति द्वारा किया जावेगा :-
1. जिला कलेक्टर/कलेक्टर प्रतिनिधि - अध्यक्ष
2. जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक/प्रतिनिधि - सदस्य
3. कोई एक प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंकों के जिला समन्वयक/प्रतिनिधि - सदस्य
4. परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण/प्रतिनिधि - सदस्य
5. आई.टी.आई./पाॅलिटेक्निक काॅलेज के प्रतिनिधि - सदस्य
6. सहायक आयुक्त/जिला संयोजक, आ0जा0क0 विभाग - सदस्य
7. महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र - सदस्य
8. मुख्यकार्यपालन अधिकारी/कार्यपालन अधिकारी,
जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित - सदस्य-सचिव
8.3 विभागीय चयन समिति की अनुशंसा उपरांत प्रकरणों के निराकरण हेतु बैंकों को अगे्रषित किया जावेगा।
8.4 आवेदन पत्रों का निराकरण एवं समीक्षा के लिए निम्नानुसार जिला स्तरीय समीक्षा समिति गठित होगी:-
1. कलेक्टर अध्यक्ष
2. मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सदस्य
3. जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक सदस्य
4. तीन प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंकों के जिला समन्वयक सदस्य
5. सेडमेप/सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम संस्थान का प्रतिनिधि सदस्य
6. परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण सदस्य
7. जिला रोजगार अधिकारी सदस्य
8. महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र सदस्य
9. मुख्यकार्यपालन अधिकारी/कार्यपालन अधिकारी,
जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित समन्वयक
टीपः- आवश्यक होने पर कलेक्टर किसी भी विभाग/संस्था/बैंक के अधिकारी/ प्रतिनिधि को समिति की बैठक में आवश्यकतानुसार आमंत्रित कर सकेंगे।
8.5 उद्योग एवं सेवा संबंधी इकाई के लिए गारंटी, ऋण गारंटी निधि योजना (क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फार माईक्रो एण्ड स्माल एन्टरप्राइजेस) के माध्यम से दी जावेगी। अतः बैंक द्वारा किसी प्रकार की कोलेटरल सिक्योरिटी (collateral security) की मांग आवेदक से नहीं की जावेगी।
8.6 बैंकों द्वारा रिजर्व बैंक के दिशा निर्देश अनुसार बैंक में प्रकरण प्राप्ति के 30 दिवस के अंदर निराकरण किया जावेगा।
8.7 प्रकरण स्वीकृति के 15 दिवस के अन्दर बैंक के द्वारा ऋण वितरण (disbursement) प्रारंभ किया जावेगा।
8.8 योजना के सुचारू रूप से क्रियान्वयन तथा सहायता प्राप्त उद्यमों की स्थापना, उद्यमियों की समस्याओं एवं अन्य विषय की समीक्षा जिला स्तरीय समीक्षा समिति के द्वारा की जावेगी।
9. प्रशिक्षण :
9.1 योजना अन्तर्गत ऋण स्वीकृति के पश्चात उद्यमी के विकल्प पर उद्यमिता विकास प्रशिक्षण शासन के द्वारा दिया जावेगा। इस संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जावेंगे।
9.2 उद्यमिता विकास कार्यक्रम में पूर्व प्रशिक्षित आवेदक को इस योजना अन्तर्गत पृथक से प्रशिक्षण प्राप्त करना आवश्यक नहीं होगा परन्तु आवश्यकता के आधार पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जावेगी।
10. मार्जिनमनी सहायता एवं ऋण अदायगीः
10.1 योजना के लिएः- परियोजना लागत पर 30 प्रतिशत (अधिकतम रु. दो लाख) मार्जिनमनी सहायता हितग्राही को शासन की ओर से देय होगी तथा शेष देय मार्जिनमनी हितग्राही को स्वयं जमा करनी होगी।
10.2 आरंभिक स्थगन (moratorium) की न्यूनतम अवधि 6 माह होगी।
10.3 आरंभिक स्थगन (moratorium) के बाद, ऋण अदायगी 5 से 7 वर्षों के बीच होगी।
टीप- आस्थगन के संबंध में बैंकों के द्वारा प्रयास होगा कि वो अधिक से अधिक समय नियत करे लेकिन यह अवधि कम से कम 6 माह की अवश्य हो। अवधि के संबंध में बैंकों एवं हितग्राही द्वारा मिलकर तय किया जाना चाहिये और बैंकों के द्वारा यह प्रयास किया जाना चाहिये कि ऋण चुकाने की अवधि अधिक से अधिक हो अर्थात् 7 वर्ष तक हो।
11 वित्तीय प्रवाहः-
11.1 ऋण वितरण के पश्चात् एवं इकाई की स्थापना होने पर, परियोजना लागत पर बैंक शाखा द्वारा मार्जिनमनी सहायता एवं ब्याज अनुदान की राशि का क्लेम मुख्यकार्यपालन अधिकारी/कार्यपालन अधिकारी, जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित, जिला-सम्बंधित को किया जावेगा।
11.2 उद्यमी द्वारा नियमित ऋण भुगतान किये जाने पर ब्याज अनुदान का क्लेम बैंकों द्वारा मुख्यकार्यपालन अधिकारी/कार्यपालन अधिकारी, जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित, जिला-सम्बंधित को भेजा जावेगा।
11.3 ऋण गारंटी निधि योजना के अन्तर्गत गारंटी शुल्क की प्रतिपूर्ति का क्लेम बैंकों द्वारा मुख्यकार्यपालन अधिकारी/कार्यपालन अधिकारी, जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित, जिला-सम्बंधित को भेजा जाकर प्राप्त किया जा सकेंगा।
12 विविध:
12.1 योजना अंतर्गत भागीदारी के प्रकरणों पर विचार किया जा सकता है परंतु भागीदारी एक ही परिवार के सदस्य के बीच मान्य नहीं होगी। समस्त भागीदारों द्वारा योजनान्तर्गत निर्धारित पात्रता की शर्तों का पालन अनिवार्य होगा। सहायता उद्यम के मान से दी जायेगी।
12.2 औद्योगिक इकाईयों को शासन की उद्योग संवर्धन नीति (यथा संशोधित) में घोषित पंूजीगत लागत अनुदान तथा ब्याज अनुदान को छोडकर अन्य सुविधाएं भी (पात्रता होने पर) प्राप्त हो सकेंगी।
12.3 बैंक से आशय समस्त राष्ट्रीयकृत बैंक, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण विकास बैंक से है, जो ऋण गारंटी निधि योजना (क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फार माईक्रो एण्ड स्माल एन्टरप्राइजेस) अंतर्गत मान्य हैं।
12.4 गलत/भ्रामक जानकारी अथवा गलत तरीके से सहायता प्राप्त करने पर हितग्राही के विरूद्ध दाण्डिक कार्यवाही की जा सकेगी।
12.5 हितग्राही द्वारा ऋण/ब्याज के पुनर्भुगतान/भुगतान में डिफाल्ट करने की स्थिति में योजनांतर्गत पूर्व में दी गयी सहायता भू-राजस्व बकाया की तरह वसूली योग्य होगी तथा उक्त परिस्थिति में भविष्य में दी जाने वाली सहायता भी देय नहीं होगी।
12.6 जिला स्तरीय समीक्षा समिति से प्राप्त संदर्भ राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति में विचार हेतु रखे जावेंगे।
12.7 योजना की व्याख्या/संशोधन हेतु प्रबंध संचालक, म0प्र0 राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित, भोपाल सक्षम होगें।
13. परिभाषाएं:-
13.1 पंूजीगत लागत एवं कार्यशील पूंजी का योग परियोजना लागत है।
13.2 परियोजना की स्थापना में हितग्राही के अशंदान के रूप में शासन द्वारा प्रदत्त सुविधा, मार्जिनमनी सहायता कहलाती है।
13.3 परियोजना में उपयोग किये जाने वाले प्लांट एवं मशीनरी का मूल्य पंूजीगत लागत है।
13.4 क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फार माईक्रो एण्ड स्माल एंटरप्राईजेस योजना अन्तर्गत शासन द्वारा प्रदत्त सुविधा गारंटी शुल्क कहलाती है)
13.5 उद्यम प्रारंभ करने के 6 माह पश्चात्, ऋण वसूली की कार्यवाही को आरंभिक स्थगन (moratorium कहलाती है)
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आवेदन-पत्र में संलग्न किये जाने वाले सहपत्रों की सूची
1. परियोजना प्रतिवेदन (संलग्न प्रारूप में)
2. राशन कार्ड/स्थाई निवास प्रमाण-पत्र/मतदाता पहचान-पत्र/ड्रायविंग लाईसेंस/आधार प्रमाण पत्र। (कोई भी एक)
3. शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण-पत्र
4. जन्मतिथि संबंधी प्रमाण-पत्र
5. सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी निःशक्तजन संबंधी प्रमाण-पत्र (यदि लागू हो तो)
6. सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र
7. भूमि/भवन किराये पर हो तो किराया-नामा
8. मशीनरी/उपकरण/साज-सज्जा हेतु वर्तमान दरों के कोटेशन
9. अन्य