परियोजना का नाम:- सावित्रीबाई फूले स्व सहायता समूह विकास योजना
(1) सदंर्भ/पृष्ठभूमि:-
अनुसूचित जाति की महिला व्यवसायियों के पास स्वरोजगार करने के लिये पर्याप्त संसाधन नहीं है,ऐसी स्थिति मे इस योजना का उद्देश्य शासन की नीति अनुसार अनुसूचित जाति व सफाई कामगार, विधवा व विकलांग महिलाओं के स्वसहायता समूह एन.जी.ओ.की सहायता से गठित कर उन्हें लघु-कुटीर उद्योग,पशुपालन एवं हस्तशिल्प जैसे परंपरागत व्यवसायों में प्रशिक्षण देकर वित्त पोषण एवं उनके उत्पादनों की ब्रिक्री में सहयोग करना है। ताकि अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाऐं संगठित होकर आत्मनिर्भर बन सकें।
शासन की प्राथमिकता स्वसहायता समूह के माध्यम से अनूसूचित जाति का आर्थिक एवं सामाजिक विकास करना है इसी क्रम मे यह योजना प्रस्तावित है।
(2) समस्या:-
अनूसूचित जाति वर्ग की प्रमुख समस्या स्वरोजगार के लिये उपयुक्त व्यवसाय स्थल एवं प्रशिक्षण का अभाव है ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों मे ये वर्ग मजदूरी पर आश्रित है, जो इन्हें नियमित प्राप्त नहीं होती जिससे ये वर्ग आर्थिक परेशानी से जुझता रहता है एवं साहूकारों के चंगुल में फंस जाता है अतः इस समस्या के निदान के लिये योजना प्रस्तावित की गई है।
(3) परियोजना का उद्देश्य:-
इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति की महिलाओं के स्व सहायता समूह गठित कर उन्हें आय जनित योजनाओं मे आवश्यक होने पर प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के लिये बैंकों की सहायता से वित्तीय सहायता एवं मार्केट आदि की सुविधा उपलब्ध कराना है।
(4) लाभार्थी:-
इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं का चयन कर उनके स्व सहायता समूह बनाये जाकर इस योजना के तहत बैंकों के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी।
इस योजना मे प्रति सदस्य अधिकतम राशि रू. 2,00,000/-लाख ऋण तथा योजना के अंतर्गत भारत सरकार की विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत समय-समय पर प्रति व्यक्ति निर्धारित अनुदान राशि उपलब्ध करायी जायेगी।
उपरोक्त समूह के सदस्यों को निगम की अनुसूचित जाति वर्ग के लिये संचालित अन्य योजनाओं मे प्राप्त होने वाली अनुदान सहायता की भी पात्रता होगी किंतु शर्त यह होगी कि, ऐसे समूह के हितग्राहियों को अन्य योजनाओं मे प्राप्त होने वाली अनुदान सहायता मे से इस योजना मे प्राप्त होने वाली अनुदान सहायता को समायोजित कर शेष अनुदान सहायता की राशि ही समूह के सदस्यों के खातों मे देय होगी।
(5) पात्रता:-
(क) समूह की महिला सदस्य अनुसूचित जाति वर्ग से हो (सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा)
(ख) सदस्य की आयु 18 वर्ष से 55 वर्ष के मध्य होनी चाहिए।
(ग) समूह के सदस्य की वार्षिक आय शहरी क्षेत्र मे रूपये 55000/- तथा ग्रामीण क्षेत्र मे रूपये 40000/- से अधिक नहीं होनी चाहिये अथवा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले प्रमाणपत्रधारी योजना का लाभ लेने के लिये प्रात्र होंगे।
(घ) सदस्य मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो।
(ड़) एक परिवार से एक ही सदस्य इस योजना का पात्र होगा।
(6) स्वसहायता समूह का गठन:-
स्वसहायता समूहों का गठन क्षेत्र की आवश्यकता, चयनित समूहों की अभिरूचि एवं व्यवसाय की स्थिति को ध्यान मे रखकर 5 से 10 महिलाओं के समूह गठित किये जायेंगे। समूह के गठन मे स्थानीय स्तर पर स्वयं सेवी संगठनों का सहयोग भी लिया जा सकता है। तथा स्वयं सेवी संगठन जो ऐसे समूह के गठन मे प्रमोटर्स की भूमिका निष्पादित करेगा उन्हें प्रमोटर्स प्रोत्साहन राशि रूपये 500/- प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जायेगी। यह राशि विशेष केन्द्रीय सहायता मद के अंतर्गत कौशल उन्नयन योजना मे प्राप्त आवंटन के विरूद्व प्रशिक्षण व्यय मद मे प्रभारित की जावेगी। स्वसहायता समूह मे ग्रामीण विकास विभाग से समन्वय किया जायेगा एवं ग्रामीण विकास विभाग से आवश्यक सहयोग एवं मार्गदर्शन भी लिया जा सकता है।
(7) स्वसहायता समूह का पंजीयन/बचत खाता खोलना:-
स्वसहायता समूह का पंजीयन ग्रामीण विकास विभाग या जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति अथवा महिला एवं बाल विकास विभाग मे कराया जा सकता है एवं समूह के कार्यक्षेत्र की सीमा मे समूह का बचत खाता खोला जायेगा जिसका संचालन समूह द्वारा आवश्यकता अनुरूप चयनित व्यवसाय के लिये किया जायेगा। समूह की प्रत्येक महिला हितग्राही सदस्य का स्वयं का भी स्वतंत्र बैंक खाता होना अनिवार्य है।
(8) प्रबध्ंकीय व्यवस्था:-
योजना/परियोजना क्रियान्वयन मे जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी/कार्यपालन अधिकारी जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति संबंधित जिले द्वारा किया जायेगा तथा इस हेतु आवश्यक होने पर वे जिलाध्यक्ष से मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।
योजना/परियोजना का संचालन प्रदेश स्तर पर प्रबंध संचालक म0प्र0राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल द्वारा किया जायेगा। वे योजना की समीक्षा माॅनिटरिंग व समय-2 पर मूल्यांकन करेंगे।
(9) वित्तीय व्यवस्था:-
योजना/परियोजना के अंतर्गत स्वसहायता समूह के सदस्यों को अधिकतम रूपये 200000/- तक प्रति सदस्य के मान से ऋण सहायता बैंकों द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी। योजना मे विशेष केन्द्रीय सहायता मद के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान सहायता समूह के प्रत्येक सदस्य के मान से कुल अनुदान सहायता समूह को उनके बैंक खाते मे उपलब्ध कराई जायेगी।
उपरोक्त समूह के सदस्यों को निगम की अनुसूचित जाति वर्ग के लिये संचालित अन्य योजनाओं मे प्राप्त होने वाली अनुदान सहायता की भी पात्रता होगी किंतु शर्त यह होगी कि, ऐसे समूह के हितग्राहियों को अन्य योजनाओं मे प्राप्त होने वाली अनुदान सहायता मे से इस योजना मे प्राप्त होने वाले अनुदान सहायता को समायोजित कर शेष अनुदान सहायता की राशि ही समूह के सदस्यों के खातों मे देय होगी।
(10) आवेदन प्रक्रिया:-
योजना/परियोजना के अंतर्गत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति या संबंधित क्षेत्र के स्वंयसेवी संगठन संबंधित जिले मे अनौपचारिक रूप से स्वसहायता समूहों का गठन कर उनके मध्य आवश्यक प्रस्ताव ठहराव प्रस्तावित कराकर औपचारिक समूह की ओर उनके अध्यक्ष एवं सचिव के माध्यम तथा सदस्यों की सहमति से योजना के लिये निर्धारित प्रारूप मे समस्त सहपत्रों एवं प्रमाणपत्रों सहित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति (संबंधित जिला) को प्रस्तुत करेंगे।
(11) आवेदन पत्रों का निराकरण:-
उक्त योजना/परियोजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदन पत्र योजना हेतु जिला स्तर पर गठित निम्न समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जायेगे।
क्र. पद/विभाग विवरण
1 मुख्य कार्यपलान अधिकारी अध्यक्ष एवं सदस्य सचिव
जिला अन्त्यावसायी सहकारी
विकास समिति
2 जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक/ प्रतिनिधि सदस्य
3 सहायक आयुक्त एवं जिला संयोजक सदस्य
अ0जा0क0
4 प्रतिनिधि ग्रामीण विकास विभाग सदस्य
5 महिला बालविकास अधिकारी/ सदस्य
प्रतिनिधि महिला एवं बाल विकास विभाग
6 महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र सदस्य
जिला स्तर पर गठित उपरोक्त समिति के अनुमोदन पश्चात् प्रकरण संबंधित बैंक की ओर अग्रेषित किया जायेगा।
(12) प्रशिक्षण:-
योजना/परियोजना के अंतर्गत समूह के सदस्यों को 7 से 15 दिवस का प्रशिक्षण निगम द्वारा संचालित प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रशिक्षण दिलाया जायेगा तथा इसका व्यय निगम की लागू प्रशिक्षण योजना मे प्रभारित किया जायेगा।
(13) ऋण वसूली:-
योजना/परियोजना के अंतर्गत वित्त पोषण बैंक स्तर से किया जायेगा तथा वसूली भी बैंक नियमानुसार 5 से 7 वर्ष की अवधि मे की जा सकेगी। उक्त योजना मे समूह के सदस्य सामूहिक रूप से तथा पृथक-2 भी जिम्मेदार होगे।
(14) विविध:-
(1) योजना/परियोजना के अंतर्गत समूह का निराकरण लघु एवं कुटीर उद्योगों को प्रथम प्राथमिकता एवं पश्चात् सेवा क्षेत्र के समूह को जिले हेतु निर्धारित भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य की सीमा तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति के द्वारा किया जावेगा।
(2) योजना/परियोजना के क्रियान्वय संबंधी कार्यवाही आदेश जारी करने हेतु एवं योजना मे किसी भी प्रकार के संशोधन के लिये प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम सक्षम प्राधिकारी होगे।
(3) योजना/परियोजना के अंतर्गत व्यक्ति या समूह द्वारा योजना का लाभ प्राप्त करने के संबंध मे आवेदन पत्र एवं आवेदन के साथ संलग्न किये गये अभिलेखों/प्रमाणपत्रों के सत्यता की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति/समूह के सदस्यों की ही होगी। यदि किसी स्तर पर गलत एवं भ्रामक जानकारी के आधार पर लाभ प्राप्त करना पाया जाता है तो ऐसे प्रकरण मे संबंधित व्यक्ति/समूह के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। जिसमे एकमुश्त ब्याज सहित वसूली एवं विधि सम्मत अन्य वैधानिक कार्यवाही का उपचार भी शामिल है। यह योजना ........................ से प्रभावित होगी।
प्रमुख सचिव,
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग
मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल